Depression Stress Cause: बढ़ती चिंता या तनाव का कोई कारण जरूर होता है। नौकरी की चिंता और घर परिवार की टेंशन अक्सर लोगों को डिप्रेशन की ओर धकेल देती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर में कुछ पोषक तत्वों और विटामिनों की कमी भी इसका कारण हो सकती है?

अक्सर लोगों को घर-परिवार और पैसे की चिंता होती है। लोगों की चिंता धीरे-धीरे इतनी बढ़ जाती है कि वे डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। यही नहीं, शरीर में कुछ विटामिनों और आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से आप डिप्रेशन का अनुभव कर सकते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड भी शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ये एक हेल्दी फैट है जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। ज्यादातर लोगों में ओमेगा-3 की कमी होती है। शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से कई रोगों का खतरा बढ़ जाता है। ओमेगा-3 की कमी चिंता, तनाव और मूड डिसऑर्डर को बढ़ाती है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड कमी से होने वाले रोग

  • मूड डिसऑर्डर: शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से न्यूरोट्रांसमीटर की उत्पादकता प्रभावित होती है। जो भावना और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। ओमेगा-3 की कमी से चिंता, डिप्रेशन और अन्य मानसिक समस्याओं का खतरा बढ़ता है।
  • हार्ट की बीमारी: ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ता है। ईकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए) मुख्य रूप से दिल की बीमारियों में मदद करते हैं। हाई ब्लड प्रेशर, एथेरोस्क्लेरोसिस और अनियमित हार्ट बीट सब ओमेगा-3 की कमी से हो सकते हैं।
  • कॉग्निटिव फंक्शन प्रभावित: शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से मानसिक स्वास्थ्य और कॉग्निटिव फंक्शन प्रभावित हो सकते हैं। फैटी एसिड की कमी कॉग्निटिव फंक्शन की समस्याओं को जन्म दे सकती है। ऐसे लोगों को डिमेंशिया जैसे तंत्रिका संबंधी रोग और याददाश्त से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
  • सूजन संबंधी समस्याएं: ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन को कम करने के लिए काम करते हैं। शरीर सूजन को कम करने में इससे मदद मिलती है। शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी क्रोनिक इंफ्लेमेशन का खतरा बढ़ा सकती है। इससे आईबीडी, अस्थमा और रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीज परेशान हो सकते हैं।
  • ड्राई आई सिंड्रोम: कुछ लोगों की आंखें ड्राई होने लगती हैं। शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी भी इसकी वजह हो सकती है। ओमेगा-3 आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है और उनकी चिकनाई को बनाए रखता है। इससे आंखों का सूखापन कम होता है।